सपोर्ट टू स्टेट फोर एक्सटेन्शन रिफ़ार्म्स योजना (Support to State for Extension Programme Under Extension Reforms Scheme) के तहत राज्य के प्रत्येक जिले मे कृषि प्रोधोगि्की प्रबन्धन अभिकरण (Agricultural Technology Management Agency) आत्मा (ATMA) की स्थपाना की गई है। कृषि क्षेत्र मे प्रसार के सुदृढी्करण के लिये नये सगठनात्मक स्वरुप तथा कृषकों की कृषि योजना के निर्माण में भागीदारी सुनिशिचित करने हेतु यह सस्थान प्रयत्नशील रहेगी।
आत्मा द्वारा कृषि विकाश हेतु विभिन्न विभागों द्वारा कृषक हित में चलाये जा रहे कार्यक्रमों में समन्वय तथा एकीकरण स्थापित कराने हेतु प्रयास किया जायेगा जिससे विभिन्न कृषि प्रणाली, कृषक संगठन, तकनीकी कमी एव ससाधन सरक्षण प्रबधन जैसे क्षेत्रों में विकास के लिये बेहतर प्रसार प्रबधन किया जा सकें।
कृषि प्रौधोगिकी प्रबधन अभिकरण (आत्मा) उन प्रमुख भागीदारी की संख्या है जो जिला स्तर पर कृषि के विकास को स्थायित्व प्रदान करने सबधी कृषि की गतिविधियों में सलग्न है। यह कृषि प्रसार एव अनुसधान की गतिविधियों के एकीकरण के साथ ही सार्वजनिक कृषि प्रौधोगिकि व्यवस्था प्रबधन के विकेन्द्रीकरण की दिशा में किया जाने वाला एक सार्थक प्रयास है। यह एक स्वायत पजीकृत संस्था है, जो जिला स्तर पर प्रौधोगिकि प्रसार के लिए उतरदायी है। यह संस्था सीधे निधि प्राप्त करने, अनुबंध करार एवं लेखा अनुरक्षण करने में पूर्ण समर्थ होने के साथ ही स्वावलम्बन हेतु शुल्क लेने तथा परिचालन व्यय करनें में भी समर्थ हैं।
आत्मा जिला में सभी कृषि प्रौधोगिकी के प्रसार के लिए जिम्मेवार होगी। यह कृषि विकाश से जुड़े सभी विभागों, संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों, कृषक संगठनों एवं अभिकरणों के साथ संबंध स्थापित करेगी। जिले में कार्यरत संस्थाओं जैसे - कृषि विज्ञान केन्द्र, क्षेत्रिय कृषि अनुसंधान केन्द्र, उधान, पशुपालन, मत्स्यपालन इत्यादि आत्मा के संगठनात्मक सदस्य हैं। इसमें से प्रत्येक विभाग अपनी विभागीय पहचान बनायें रखेंगे, लेकिन उनके प्रसार एवं अनुसंधान संबंधी गतिविधियों की अनुशंसा आत्मा शाषी परिषद (Governing Board) द्वारा की जाएगी तथा उनका क्रियान्वयन आत्मा प्रबंध समिति के (Management Committee) द्वारा होगा।
कृषि प्रसार के सबलीकरण हेतु नये संगठनात्मक स्वरूप का निर्माण करना।
विभिन्न विभागों एवं एजेन्सी एवं निजी कम्पनियों, गैर सर्कारी संगथनों, कृषक संगठन इत्यादि द्वारा चलाये जा रहे कृषि प्रसार की गतिविधियों में समन्वय स्थापित कर प्रसार की प्रकिया में एकीकरण लाना जिससे लोक-निजी-साझेदारी को दढावा मिल सकें।
प्रसार कार्यक्रमों में सुदृढीकरण लान हेतु विभिन्न कृषि प्रणाली को ध्यान में रखते हुए व्यापक प्रसार गतिविधि को स्थापित करना।
कृषि प्रसार के लिए कृषक समूहों अथवा संगठनों की क्षमता संवर्धन करना।
कृषि में जेन्डर संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए महिला कृषकों के क्षमता संवर्धन एवं सबलीकरण पर कार्य करना।
प्रसार कार्यक्रमों में वितीय स्थायित्व के लिये प्रयास करना।